#भारत में वैक्सीन की कमी
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बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देते हुए: "परिणाम देखें"
बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देते हुए: “परिणाम देखें”
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देखें कि कैसे अन्य राज्यों ने वैश्विक निविदाएं जारी कीं और परिणाम क्या रहे।” कई राज्यों ने टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं मंगाई हैं क्योंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लिए खुराक कम है, लेकिन बिहार में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार के शासन ने इसके खिलाफ फैसला किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की…
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#COVID-19#कोरोनावाइरस#बिहार#बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय#बिहार कोविड टीके#बिहार भाजपा#बिहार वैक्सीन#भारत में वैक्सीन की कमी
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बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देता है: परिणाम देखें
बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देता है: परिणाम देखें
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की संभावना नहीं है कई राज्यों ने टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं मंगाई हैं क्योंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लिए खुराक कम है, लेकिन बिहार में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार ने इसके खिलाफ फैसला किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की…
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ऑक्सीजन प्लांट से लेकर ट्रांसपोर्ट ग्लिच तक, सरकार समूह मुद्दों की पहचान करता है, समय सीमा तय करता है
ऑक्सीजन प्लांट से लेकर ट्रांसपोर्ट ग्लिच तक, सरकार समूह मुद्दों की पहचान करता है, समय सीमा तय करता है
15 अप्रैल को लगभग 4,800 मीट्रिक टन से 8 मई को लगभग 8,900 मीट्रिक टन (मीट्रिक टन) मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी के साथ, सरकार के अधिकार प्राप्त समूह ने कार्यों की एक श्रृंखला के लिए आंतरिक आंतरिक समय सीमा निर्धारित की है – प्रशिक्षण से ऑक्सीजन टैंकर ड्राइवरों की स्थापना पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र समर्पित, और ऑक्सीजन सांद्रता, सिलेंडर, क्रायोजेनिक टैंकर, और जिओलाइट सहित तकनीकी और रसद उपकरण प्राप्त करना।…
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#ऑक्सीजन की कमी#ऑक्सीजन परिवहन#टीका की कमी#भारत कोरोनावायरस के मामले#भारत में कोविड -19 मामले#भारत में वैक्सीन की कमी#भारत समाचार#भारतीय एक्सप्रेस
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DRDO Medicine for Corona in Hindi – New anti-Covid-19 drug 2-DG – कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कहर मचाया हुआ है। इस महामारी की वजह से दुनिया भर में लाखों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। जिस वजह से लोगों की मौत हो रही है वो है शरीर में ऑक्सीजन की कमी। कोरोना के ज़्यादातर मरीज ऑक्सीजन की कमी की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। भारत में बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। 18 साल की उम्र से ऊपर के सभी लोगों को चरणबद्ध तरीके वैक्सीन लगायी जा रही है। भारत में मौजूदा समय में दो वैक्सीन कोविशील्ड(Covishield) और (Covaxin) कोवैक्सीन लोगों को लगाई जा रही हैं। अब सरकार ने कोरोना की एक और दवा को मंज़ूरी दे दी है। ये दवा डीआरडीओ ने बनाई है।
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जय हिंद दोस्तो,
इस वैक्सिनेशन पर मेरे कुछ सवाल और सुझाव है, जो कई लोगो ने हमे ज्ञात कराए और मैंने सोचा कि आपके साथ इस बात को डिस्कस करे। मैं अपने शब्दों में इसे देश के सामने रखना चाहता हूँ ताकि देशवासी सरकार से सवाल कर सके और अपने हक की लड़ाई लड़ सके।
सेंट्रल गोवर्नमेंट ने बोला कि 18 साल से 44 साल तक के लिए कोरोना वैक्सीन 1 मई से शुरू हो रहा है। 28 अप्रैल से रेजिस्ट्रेशन शुरू हुये और पहले 4 घंटो में 80 लाख से ज्यादा रेजिस्ट्रेशन हुए और 2 दिन में 2 करोड़ ज्यादा रेजिस्ट्रेशन हुये। इसका मतलब लोगो को कितनी जरूरत ह�� वैक्सिनेशन की, पहले सरकार 50% वैक्सीन डी रेगुलेट रखती है ताकि ��नके मित्र कंपनी को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके यहाँ तक उनको Y कैटेगरी की सुरक्षा भी दे देती है, पर जनता का क्या....? उनका क्या होगा 1 मई यानी कल से वैक्सिनेशन शुरू होना है पर अभी तक वैक्सीन का पता तक नही है कब मिलेगी राज्यो को इसका तक पता नही है। सरकार इसमें भी अपना पक्ष नही रख रही है।
सरकार प्रिवेट अस्पताल में वैक्सीन पहले दे रही है जो 50% डी रेगुलेट है....?, चलो मान लिया कि 150/- वाली मेडिसिन प्रिवेट में 250/- पर डोस दी जा रही है जिससे देश की 50% जनता भी अगर अपनी जान बचाने के लिए लगवाती है तो और इसमें 1 लाख करोड़ से ज्यादा का घोटाला हो सकता है।
जहाँ ऑस्ट्रेलिया औऱ इजरायल जैसे देश 100% वैक्सिनेटेड हो गए हैं कंट्री फर्स्ट की नीति से वही हम अपने ही देश को लूटने में लगे हैं और जो दवाये अपने लोगो को दी जानी चाहिए बाहर भेज दी गई, दिसम्बर में रेमदेसिविर इंजेक्शन का ओवर प्रोडक्शन इतना हुआ कि जनवरी में उसे डिस्ट्रॉय करना पड़ा, आज देश के उसी इंजेक्शन की कमी हो गई है जिससे काला बाजारी बढ़ गई, अस्पताल मन माने पैसे वसूल रहे हैं, सरकार ने इसकी समीक्षा क्यों नहीं की।
सरकार तो सरकार प्रिवेट अस्पताल दो कदम आगे निकल गए हैं, जहाँ जहाँ 45 साल से ऊपर के लोगो का वैक्सिनेशन हो रहा है वहाँ पर प्रति डोज तय कीमत से ज्यादा रुपये वसूले जा रहे हैं और सुविधाओं के नाम पर लंबी लंबी लाइन मिस मैनेजमेंट है जिससे इंफेक्शन का और खतरा है।
वैक्सिनेशन के बाद लोगो को कोविड प्रोटोकॉल के बारे में भी अवगत नही कराया जा रहा है, और अगर उनकी तबियत खराब हो रही है तो सरकार का क्या इन्तेजाम है उसका भी कुछ पता नही है।
जहाँ एक तरफ कोरोना से ग्रस्त लोगों का ही इलाज सरकार कर पाने में असमर्थ है, तो 18+ का वैक्सिनेशन शुरू होने के बाद कोई कॉम्प्लिकेशन आया तो उसके लिए सरकारी की क्या तैयारी है बताये, क्यों कि इसमें देश का एक बहुत बड़ी जनसंख्या वाला तबका आता है।
अगर सरकार सभी राज्यों को जब समान मूल्य पर वैक्सीन दे रही है तो फिर अस्पताल अलग अलग क्यों पैसे वसूल रहे हैं, सरकार सभी देश वासियों को फ्री वैक्सीन क्यों नही कर रही है....? जिसमे सरकार का 2 लाख करोड़ के आसपास ही खर्चा आयेगा जो कि प्रति वर्ष टैक्स कलेक्शन का 10% भी नही है, सरकार जनता का पैसा ही जनता के जनता के ऊपर क्यों नही लगा ��ही है सरकार जवाब दे।
आज देश मे इतना इंफेक्शन फैल गया है और बचीं हुई जनता को उनको घरों से बाहर निकाल वैक्सिनेशन के लिए सेंटरों तक बुलाना कही उनकी जान भी तो खतरे में ना डाल दे, सरकार ने इससे उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं जहाँ 45 वर्ष की आयु से ऊपर वालो को वैक्सिनेशन लगवाने में इतनी तकलीफ हो रही है वहाँ जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एक जुट होंगे उसके लिए सरकार का सिर्फ रेजिस्ट्रेशन वाला फॉर्मूला काम नही आएगा इसके अलावा सरकार में क्या इंतेजाम किया है सरकार जवाब दे।
जिस तरह हम पोलियो के वैक्सीन सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के द्वारा पूरा करते हैं इसमें ये क्यों नहीं अपना रहे हैं, वैक्सीन को छोटे छोटे फ्रीजर में रख कर , राष्ट्रीय और राज्य कर्मचारियों की मदद से लोकल डॉक्टर को साथ मे रख कर ये काम किया जा सकता है इसके लिए सरकार एस्मा एक्ट लगा सकती है। सरकार ये कदम क्यों नही अपना रही है, सरकार जवाब दे।
सरकार जहाँ इमरजेंसी तक की सोच रही है चाहे वो मेडिकल इमरजेंसी ही क्यों ना हो इसके बदले में वो एस्मा एक्ट का इस्तेमाल कर राज्यो की मदद से इस वैक्सिनेशन को लोगो के घर घर तक पहुँचा सकती है, जिसमे लोगो की जान और माल का कम से कम नुकसान होगा, और अस्पतालों द्वारा वसूले जा रहे एक्स्ट्रा चार्जेस से भी लोगो को राहत मिलेगी।
लोगो अपने घर मे सुरक्षित भी रहेंगे और उनका वैक्सिनेशन भी हो पायगा, और जो लोग कही जाने में असमर्थ है उनका भी वैक्सिनेशन हो पायेगा, और देश ज्यादा सुरक्षित हो पायेगा।
अगर आपको लगता है ये सवाल और सुझाव सरकार तक पहुँचने चाहिये तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
घर मे रहे, सुरक्षित रहे।
जय हिंद जय भारत
अभय वर्मा भारतीय,
राष्ट्रीय महासचिव,
अखिल भारतीय परिवार पार्टी.
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अन्य राज्यों से होता हुआ अब झारखंड में भी पहुंचा लम्पी रोग, राज्य सरकार हुई अलर्ट
देश में कहर बरपा रहा ‘लम्पी स्किन डिजीज‘ या एलएसडी (LSD – Lumpy Skin Disease) रोग, अब कई राज्यों से होता हुआ झारखंड में भी पहुंच गया है। ये संक्रमण राज्य के कई जिलों में पैर पसार रहा है, जिसने सरकारी अधिकारियों की रातों की नींद खराब कर दी है। इस लंपी रोग से मवेशी लगातार संक्रमित हो रहे हैं। अगर इसे नहीं रोका तो यह रोग राज्य में तेजी से फ़ैल सकता है और ज्यादा से ज्यादा मवेशियों को अपनी चपेट में ले सकता है, हालांकि अभी तक राज्य में आधिकारिक तौर पर किसी भी मवेशी के मरने की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन इसके बावजूद भी हजारों की संख्या में मवेशी बीमार बताये जा रहे हैं।
लम्पी स्किन डिजीज एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से अन्य पशुओं के ऊपर फ़ैल जाता है। इसके अलावा यह रोग एक ही बर्तन में पानी पीने से तथा मच्छरों, मक्खियों, जूँ और ततैया के माध्यम से भी एक मवेशी से दूसरे मवेशी तक फैलता है। यह पशुओं के लिए बेहद घातक होता है। संक्रमण ज्यादा फैलने से पशुओं की मौत भी हो सकती है।
ये भी पढ़ें: लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease)
प्रारंभिक तौर पर इस रोग से संक्रमित मवेशी रांची और देवघर में पाए गए हैं, जिनके मामलों को देखते ही सरकार चिंतित हो गई है। इसलिए सरकार ने इस बीमारी को और अधिक फैलने से रोकने के लिए राज्य के 24 जिलों में तत्काल एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि किसी भी पशु में लम्पी रोग के लक्षण दिखने पर उसके नमूने तत्काल जांच के लिए भेजें।
इस साल इस रोग के मामले देश भर में बेहद तेजी के साथ बढ़ रहे हैं जिसको देखकर राज्य सरकार चिंतित है। झारखंड में एक साल पहले भी इस रोग के मामले आये थे, तब सरकार ने बहुत जल्दी ही इस रोग पर काबू पा लिया था। लेकिन इस साल परिस्थियां अलग हैं, सरकार को इन परिस्थियों के साथ रोग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि जिन पशुओं में लम्पी रोग के लक्षण दिखें, उन्हें अ��्य पशुओं से तुरंत अलग करके आइसोलेट कर दें।
अभी तक यह स्किन लम्पी रोग ��ेश भर में कहर बरपा रहा है, इस रोग के कारण गायों की त्वचा में गाठें पड़ जाती हैं। मवेशी को तेज बुखार रहता है तथा दुग्ध उत्पादन में भी कमी आती है। अभी तक भारत में 3 लाख से ज्यादा मवेशी इस रोग से संक्रमित हो चुके हैं जबकि लगभग 57 हजार मवेशियों की इस रोग की वजह से मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ें: दिल्ली सरकार ने की लम्पी वायरस से निपटने की तैयारी, वैक्सीन खरीदने का आर्डर देगी सरकार
हर राज्य की राज्य सरकार इस रोग से निपटने का भरपूर प्रयास कर रही है। इसके तहत मवेशियों को वैक्सीन लगवाई जा रही है। लम्पी रोग की वजह से दुग्ध उत्पादन में भी भारी कमी आई है। इसको लेकर आम लोग भी भयभीत हैं, कई राज्यों में लोगों ने इस रोग के डर से दूध पीना बंद कर दिया है। इन घटनाक्रमों को देखते हुए सरकार बेहद चिंतित है और जल्द से जल्द इस रोग से निपटने के उपायों पर विचार कर रही है।
Source अन्य राज्यों से होता हुआ अब झारखंड में भी पहुंचा लम्पी रोग, राज्य सरकार हुई अलर्ट
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भारत बायोटेक अस्थायी रूप से सुविधा अनुकूलन के लिए कोवैक्सिन उत्पादन को 'धीमा', मांग में कमी
भारत बायोटेक अस्थायी रूप से सुविधा अनुकूलन के लिए कोवैक्सिन उत्पादन को ‘धीमा’, मांग में कमी
भारत बायोटेक ने शुक्रवार को अपनी विनिर्माण सुविधाओं में अपने COVID-19 वैक्सीन Covaxin के उत्पादन को अस्थायी रूप से धीमा करने की घोषणा की, खरीद एजेंसियों को अपने आपूर्ति दायित्वों को पूरा करने और मांग में कमी को देखते हुए। कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत बायोटेक आने वाली अवधि के लिए लंबित सुविधा रखरखाव, प्रक्रिया और सुविधा अनुकूलन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। सूत्रों के अनुसार,…
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कोविद वैक्सीन की कमी: 'भारत का संकट जुलाई तक जारी रहेगा'
कोविद वैक्सीन की कमी: ‘भारत का संकट जुलाई तक जारी रहेगा’
चूंकि देश कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों के कारण टीके सहित चिकित्सा आपूर्ति की तीव्र कमी से जूझ रहा है, भारत के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बताया कि वैक्सीन की आपूर्ति में कमी जुलाई तक रहेगी। टीकों के अभाव में, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कई राज्यों में 18-44 के बीच आयु वर्ग के टीकाकरण अभियान पर असर पड़ा है। टीकाकरण…
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डीएनए वैक्सीन लगाने वाला पहला देश बना भारत, ZyCov D भारत की पहली नीडल-फ्री है,वैक्सीन,अहमदाबाद स्थित कंपनी Zydus Cadila ने तैयार की वैक्सीन
डीएनए वैक्सीन लगाने वाला पहला देश बना भारत, ZyCov D भारत की पहली नीडल-फ्री है,वैक्सीन,अहमदाबाद स्थित कंपनी Zydus Cadila ने तैयार की वैक्सीन
नई दिल्लीः भारत COVID-19 के खिलाफ DNA वैक्सीन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. DNA आधारित जायकोव-डी (ZyCov D) भारत की पहली नीडल-फ्री और दूसरी स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन है. इस वैक्सीन से सुइयों से डरने वाले लोगों को राहत मिलेगा. देश में सक्रिय संक्रमितों की संख्या हुई कम इस वैक्सीन को तब लांच किया गया, जब भारत में COVID-19 के सक्रिय केसों की संख्या में 1,03,921 की कमी दर्ज की गई है.…
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वैक्सीन मील का पत्थर तक पहुँच गया: 50% को कम से कम एक खुराक मिल गई है
वैक्सीन मील का पत्थर तक पहुँच गया: 50% को कम से कम एक खुराक मिल गई है
भारत ने गुरुवार को अपनी आधी योग्य वयस्क आबादी को कोविड -19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक का प्रशासन पूरा कर लिया, क्योंकि इसने देश भर में 61.10 करोड़ संचयी टीकाकरण को पार कर लिया। सरकार के अनुसार, 2020 के लिए अनुमानित मध्य-वर्ष की गणना के आधार पर, देश की 18 वर्ष और उससे अधिक आयु की कुल जनसंख्या लगभग 94 करोड़ है। गुरुवार को, भारत ने 47.29 करोड़ पहली खुराक का प्रशासन पूरा किया – जो इस अनुमानित वयस्क…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#कोविशील्ड#कोवैक्सिन#भारत कोविड टीकाकरण#भारत टीकाकरण अभियान#भारत टीकाकरण लक्ष्य#भारत में कोविड के टीके#वैक्सीन की कमी#सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ ��ंडिया
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निवास से वीसी के माध्यम से जोधपुर स्थित गांधी बधिर महाविद्यालय के शुभारंभ समारोह को संबोधित किया। इस वर्ष बजट में इसे महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी।
विश्व के कुल विशेष योग्यजनों में से 80 प्रतिशत भारत में हैं, ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि दिव्यांगों को सही जीवन जीने एवं उनकी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने में सहयोग करें। इसी दायित्व को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने विशेष योग्यजनों एवं दिव्यांगों के कल्याण से जुड़ी योजनाएं बनाने में कोई कमी नहीं रखी है। प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में विशेष योग्यजन फ्रेण्डली सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
संवेदनशीलता के बिना सेवा का कार्य संभव नहीं है। एक संवेदनशील व्यक्ति गरीबों, दीन-दुखियों एवं बेसहारा लोगों की भलाई के बारे में सोचता है। इसी सेवा भाव के साथ 1982 में जोधपुर बधिर कल्याण समिति का गठन हुआ और मुझे इसका संस्थापक अध्यक्ष बनने का सौभाग्य मिला। समिति द्वारा 1982 में स्थापित गांधी बधिर विद्यालय रूपी पौधा आज वट वृक्ष बन गया है। इन 40 वर्षों में कई सेवाभावी लोगों ने मिलकर इस पौधे को सींचा है और चुनौतीपूर्ण माहौल में इसका बेहतरीन प्रबंधन किया है। इसके लिए समिति के सभी पदाधिकारी साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में वर्ष 2002 में इस मूक बधिर विद्यालय को सैकण्डरी स्कूल का दर्जा मिला। 2010 में दूसरे कार्यकाल में यह सीनियर सैकण्डरी स्कूल बना और मेरे तीसरे कार्यकाल में आज इसका महाविद्यालय के रूप में उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है। मूक बधिर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित इस विद्यालय का कॉलेज तक का यह सफर दान-दाताओं एवं सेवाभावी लोगों की मदद से ही संभव हो पाया है।
कोरोना संक्रमण के दौर में ‘कोई भूखा नहीं सोए’ के राज्य सरकार के संकल्प को पूरा करने में जन प्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वयं सेवी संस्थाओं, दान-दाताओं एवं आमजन का अभूतपूर्व सहयोग मिला। राज्य सरकार ने अस्पतालों में दवाएं ��था चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही, गरीब एवं बेसहारा लोगों की आर्थिक मदद करते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहतरीन प्रबंधन किया। अभी कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। देश में पिछले कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या लाखों में पहुंच गई है, फिर भी बड़े पैमाने पर हुए कोविड-19 वैक्सीनेशन के कारण संक्रमितों की स्थिति गंभीर नहीं है। मास्क लगाना और वैक्सीन ही कोरोना से बचाव के बेहतरीन उपाय हैं। सभी लोगों से वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने की अपील है।
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कोराना की नई रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V की पहली खेप 1 मई 2021 को भारत आ जाएगी। देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकार द्वारा इसे मंज़ूरी दी गई है।
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भारत में 22,842 कोविड मामलों की रिपोर्ट, वैक्सीन कवरेज 90 करोड़ के पार चला गया | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
भारत में 22,842 कोविड मामलों की रिपोर्ट, वैक्सीन कवरेज 90 करोड़ के पार चला गया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
NEW DELHI: भारत ने रविवार को पिछले 24 घंटों में कुल 22,842 ताजा कोविड मामले दर्ज किए, जबकि 244 लोगों की इसी अवधि में संक्रमण से मृत्यु हो गई, जिससे अब तक कुल मृत्यु का आंकड़ा 4,48,817 हो गया। 24 घंटे की अवधि में सक्रिय कोविड-19 केसलोएड में 3,332 मामलों की कमी दर्ज की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रविवार सुबह की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में एक दिन में स्वस्थ होने की संख्या 25,930 हो गई।…
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#आज की खबर#उत्तर#केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय#गूगल समाचार#तमिलनाडु#ताज़ा खबर#पश्चिम बंगाल#भारत#भारत समाचार#भारत समाचार आज#भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआरm)#महाराष्ट्र
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कोरोना वैक्सीन लगाओ और 10 लाख की कार मुफ्त पाओ! जानिए किस देश ने शुरू की यह अनोखी स्कीम
कोरोना वैक्सीन लगाओ और 10 लाख की कार मुफ्त पाओ! जानिए किस देश ने शुरू की यह अनोखी स्कीम
नई दिल्ली. पिछले करीब डेढ़ साल से कोरोना महामारी (Covid 19) ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है. इससे बचने के लिए तकरीबन हर प्रभावित देशों में वैक्सीनेशन मुहिम (vaccination drive ) चलाई जा रही है. एक तरफ जहां भारत में दिल्ली सहित कई राज्य में वैक्सीन की कमी से जूझ रहे है तो कुछ देशों के नागरिक अभी वैक्सीनेशन में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं जिसकी वजह से उनके लिए सरकारें कई ऑफर पेश कर रही हैं. रूस…
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कोविड भीतर ही भीतर स्तब्ध हैं: यूपी में बीजेपी के नेता शिकायत करते हैं क्योंकि सरकार एक बहादुर चेहरा रखती है
कोविड भीतर ही भीतर स्तब्ध हैं: यूपी में बीजेपी के नेता शिकायत करते हैं क्योंकि सरकार एक बहादुर चेहरा रखती है
चूंकि उत्तर प्रदेश कोविड -19 की दूसरी लहर को जारी रखने के लिए जारी है, इसलिए राज्य के भाजपा के भीतर कई तरह के विधायकों और सांसदों के बीच अनबन की बढ़ती आवाजें हैं, जो राज्य सरकार की स्थिति से निपटने के बारे में सवाल उठा रहे हैं – अस्पताल के बेड की कमी से लेकर कथित अपने निर्वाचन क्षेत्रों से सैकड़ों एसओएस कॉल से निपटने के लिए अधिकारियों के सहयोग की कमी है। पिछले कुछ हफ्तों में, उनमें से कई ने इन…
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#उत्तर प्रदेश समाचार#ऑक्सीजन की कमी#कोरोनावाइरस टीका#कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी#भारत में टीकाकरण#भारत समाचार#यूपी कोविड की स्थिति#यूपी कोविड दूसरी लहर#यूपी वैक्सीन की कमी#योगी आदित्यनाथ
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